अजी देखो तुम यूं न इतराके जाओ।
अपने दीवाने को अब न सताओ।
कभी तो मुझे प्यार से देख लो तुम,
कभी तो मुझे देख कर मुस्कुराओ।
ये माना ज़माना है तेरा दीवाना,
मगर तुमको न कोई मुझ सा मिलेगा।
ये भी माना कि तुमने देखे हज़ारों,
मगर इक दफा तो मुझे आज़माओ।
हवाएँ फिज़ाएं हँसीं ये नज़ारे।
सभी तो हैं महके करम से तुम्हारे।
मेरा भी जीवन महकने लगेगा,
दिलबर मुझे तुम जो अपना बनाओ।
निगाहों में उसकी वो खंज़र छिपे हैं,
कि बचना जो चाहो तो बच न सकोगे,
मुझे भि बनाया है उनने निशाना,
मौला मुझे उस कहर से बचाओ।