एक रोज़ सनम हम यह तुमको बतलाएंगे।
चाहा है बस तुम्को, तुमको ही चाहेंगे।
चाहे जग दुत्कारे, या पत्थर से मारे।
चाहे रात कटे अपनी गिन-गिन कर के तारे।
पर राहे वफा पर हम चलते ही जाएंगे।
तू साथ नहीं मेरे नहीं मुझको कोई गम।
पर इतना यकीं तो है तुझको पाएंगे हम।
दिल में तेरे एक दिन हम जगह बनाएंगे।
तुझे प्यार का हम अपने एहसास दिलाएंगे।
पत्थर के दिल मे भी हम प्यार जगाएंगे।
जीते हैं सभी पर हम मरकर दिखलाएंगे।