1
विधि का लेख
लिखता है ईश्वर
झेले इंसान।
2
घने अंधेरे
में चमके प्रकाश
और अधिक।
3
करते जाओ
पाने की मत सोचो
जीवन सार।
4
दर-ब-दर
ठोकरें खाता हुआ
घूमता सच।
5
जीवन नैया
मझदार में डोले
संभाले कौन?
6
रंग बिरंगे
रंग संग लेकर
आया फागुन।
7
कांटों के बीच
खिलखिलाता फूल
देता प्रेरणा।
8
भीतरी कुंठा
नयनों के द्वार से
आई बाहर।
9
खारे जल से
धुल गए विषाद
मन पावन।
10
मृत्यु को जीना
जीवन विष पीना
है जिजीविषा
11
टेढ़े रहो तो
रहता है संसार
सदैव सीधा
12
मन की पीड़ा
छाई बन बादल
बरसी आंखें
13
चलती साथ
पटरियां रेल की
फिर भी मौन
14
मीरा का प्रेम
सच होते हुए भी
रहा अधूरा
15
सितारे छिपे
बादलों की ओट में
सूना आकाश
16
तुमने दिए
जिन गीतों को स्वर
हुए अमर
17
सागर में भी
रहकर मछली
प्यासी ही रही