सूरज की किरणों को छूकर आज हुआ स्वर्णिम सागर जल।
उगते सूरज की लाली से लाल हुआ अम्बर का आंचल।
चिड़ियों की मधुरिम बोली ने मौसम में मिठास एक घोली।
नए दिवस का स्वागत करने दिशाओं ने बाहें खोलीं।
खत्म हुआ अब तम धरती से खत्म हो गई रात।
नवजीवन का नव सन्देश ले आई नई प्रभात।